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Hastmaithun karne se nuksan ya fayda: काम, क्रोध, लोभ, मद ये विनाश के कारण होते हैं तो साथ ही यही वह सभी कारण हैं जो व्यक्ति को कार्यरत होने और अग्रसारित होने हेतु प्रेरित करते हैं | काम वासना एक प्राकृतिक भाव है जो हर व्यक्ति के अंदर उत्पन्न्न होता है | खासकर 12 से 20 वर्ष के युवाओं में यह हिलोरे मारता है | काम की तीव्र इच्छा हस्तमैथुन करने पर मजबूर करती है आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की हस्तमैथुन कितना नुकसानदायक या फायदेमंद है| पोस्ट पसंद आए तो प्लीज लिखे शेयर और कमेंट करें |

Hastmaithun karne se nuksan ya fayda: Introduction

Lust, anger, greed, pride are the causes of destruction and at the same time these are the reasons that motivate a person to work and move ahead. Lust is a natural emotion that arises in every human being. It surges especially in the youth between 12 to 20 years. The intense desire for sex forces one to masturbate. In today’s post we will know how harmful or beneficial masturbation is. If you like the post then please write, share and comment.

Hastmaithun karne se nuksan ya fayda

हस्तमैथुन करने से नुकसान और फायदे | Benefits and Harms of Masturbation

हस्तमैथुन एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जिसे लोग खुद को यौन सुख देने के लिए करते हैं। इसे लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं और भ्रांतियां होती हैं। नीचे हस्तमैथुन के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

हस्तमैथुन के फायदे

  1. तनाव में कमी:
    हस्तमैथुन करने से तनाव और चिंता में कमी आती है क्योंकि इससे शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो व्यक्ति को खुश महसूस कराते हैं।
  2. बेहतर नींद:
    हस्तमैथुन के बाद शरीर में रिलैक्सेशन आता है, जिससे अच्छी नींद आ सकती है।
  3. यौन स्वास्थ्य का ज्ञान:
    हस्तमैथुन से व्यक्ति अपने शरीर को बेहतर तरीके से समझ सकता है, जिससे यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ती है।
  4. पीरियड्स के दर्द में राहत:
    महिलाओं में, पीरियड्स के दौरान हस्तमैथुन करने से दर्द में राहत मिल सकती है क्योंकि इससे रक्त संचार बढ़ता है।
  5. हार्मोनल संतुलन:
    यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है, जो शरीर के सामान्य स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

हस्तमैथुन के नुकसान

  1. अत्यधिक करने से थकावट:
    अगर हस्तमैथुन अत्यधिक किया जाए तो यह शरीर को थका सकता है और कमजोरी महसूस हो सकती है।
  2. मानसिक तनाव:
    कुछ लोग हस्तमैथुन के बाद अपराधबोध, शर्म, या ग्लानि महसूस कर सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  3. लत लगने का खतरा:
    बार-बार हस्तमैथुन करने से यह आदत में बदल सकता है, जो दैनिक जीवन के कार्यों में बाधा डाल सकती है।
  4. शारीरिक समस्याएं:
    कुछ मामलों में, हस्तमैथुन करने से शरीर में त्वचा में जलन या घर्षण जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे साफ-सुथरे तरीके से करना चाहिए।
  5. समाज में गलतफहमियाँ:
    कई समाजों में हस्तमैथुन को लेकर शर्म या नकारात्मक धारणा होती है। इसके बारे में जागरूकता और शिक्षा की कमी से लोगों को मानसिक दबाव महसूस हो सकता है।

कामसूत्र एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है, जो मुख्य रूप से यौन और संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करता है। इस ग्रंथ को वात्स्यायन ने लिखा था, और यह न केवल यौन स्थिति (सेक्स पोज़िशन्स) बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित यौन जीवन के विभिन्न तत्वों पर भी जानकारी प्रदान करता है। कामसूत्र में यौन संबंधों के शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक पहलुओं का विस्तृत वर्णन है।

कामसूत्र में हस्तमैथुन (Masturbation) पर विचार

कामसूत्र में मुख्य रूप से व्यक्तिगत आत्म-उत्साह के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है, जिसमें यौन अनुभव और आत्म-खोज भी शामिल हैं। हालांकि कामसूत्र सीधे-सीधे हस्तमैथुन का उल्लेख नहीं करता, परंतु इसमें शारीरिक आत्म-तृप्ति को आत्म-खोज का एक हिस्सा माना गया है। ग्रंथ में शारीरिक सुख के विभिन्न तरीकों का ज़िक्र किया गया है और इसे स्वाभाविक तथा नैतिक रूप में देखा गया है।

कामसूत्र में यौन स्थितियाँ (Sex Positions)

कामसूत्र में 64 यौन मुद्राओं का वर्णन है, जिन्हें “कला” भी कहा गया है। ये यौन मुद्राएँ केवल शारीरिक सुख ही नहीं, बल्कि एक-दूसरे के प्रति प्रेम और संबंध को मजबूत करने के साधन भी हैं। यहाँ कुछ मुख्य यौन मुद्राओं का वर्णन दिया गया है:

  1. मिश्रासन (The Missionary Position):
    यह सबसे सरल और सामान्य स्थिति है, जिसमें पुरुष और महिला आमने-सामने होते हैं। यह मुद्रा भावनात्मक जुड़ाव और आंखों के संपर्क के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
  2. उत्थित स्थिति (The Standing Position):
    इसमें दोनों साथी खड़े होकर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इस मुद्रा में थोड़ी मेहनत और संतुलन की आवश्यकता होती है।
  3. गोद में बैठना (The Sitting Position):
    इसमें महिला पुरुष की गोद में बैठती है, और दोनों आमने-सामने होते हैं। यह स्थिति अंतरंगता और गहरे संबंध को दर्शाने का एक तरीका है।
  4. पश्चिमासन (The Doggy Style):
    इसमें महिला चारों पैरों पर झुकती है, और पुरुष पीछे से होता है। यह स्थिति विभिन्न तरीकों में की जा सकती है और इसमें रचनात्मकता की गुंजाइश होती है।
  5. पक्षासन (The Side-by-Side Position):
    इस मुद्रा में दोनों साथी बगल में लेटकर यौन संबंध बनाते हैं। यह आरामदायक स्थिति है और लंबे समय तक बनाए रखी जा सकती है।
  6. अलिंगन मुद्रा (The Embrace Position):
    इसमें दोनों साथी एक-दूसरे को गले लगाते हुए यौन सुख का अनुभव करते हैं। यह स्थिति बहुत ही अंतरंग होती है और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ाती है।
  7. विपरीत स्थिति (The Reverse Position):
    इसमें महिला पुरुष के ऊपर होती है और दोनों की दिशा उलटी होती है। यह मुद्रा विभिन्न कोणों से यौन अनुभव प्राप्त करने के लिए की जाती है।
  8. सर्पासन (The Snake Position):
    इसमें दोनों साथी एक-दूसरे के ऊपर इस प्रकार लेटते हैं जैसे एक सर्प लिपटा हुआ हो। यह बहुत ही अंतरंग और नजदीकी का अनुभव देने वाली स्थिति है।
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कामसूत्र में यौन जीवन के अन्य पहलू

  1. आध्यात्मिक संबंध: कामसूत्र में शारीरिक और मानसिक संतुलन के साथ आध्यात्मिक संबंध का भी महत्व बताया गया है। इसे केवल शारीरिक क्रिया के रूप में न देखकर एक आत्मिक अनुभव के रूप में देखा गया है।
  2. संतुलन और संयम: यौन जीवन में संतुलन बनाए रखना भी कामसूत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें बताया गया है कि एक व्यक्ति को अपने यौन जीवन में संयम और आत्मसंयम रखना चाहिए ताकि यौन सुख का दीर्घकालिक आनंद मिल सके।
  3. सहयोग और संवाद: कामसूत्र के अनुसार यौन संबंधों में दोनों साथियों के बीच संवाद और एक-दूसरे की भावनाओं का आदान-प्रदान होना चाहिए। इससे संबंध में पारदर्शिता और प्रेम बढ़ता है।
  4. अंतरंगता का महत्व: कामसूत्र में यौन संबंधों में अंतरंगता को महत्व दिया गया है, जिससे साथी एक-दूसरे के साथ गहरा संबंध महसूस करते हैं।

Hastmaithun karne se kya hota hai?

हस्तमैथुन करने से आपको क्षणिक आनंद की प्राप्ति होती है और फिर एकाग्रता बढ़ती है परन्तु ज्यादा हस्तमैथुन करने से लिंग का आकार बढ़ नहीं पाटा है स्पर्म काउंट कम होता है जिससे भविष्य में आप अपने पार्टनर को खुश नहीं रख पाएंगे है नपुंसकता का शिकार होना पड़े | शारीरिक थकान और मानसिक चिंताएं बढ़ती हैं जिससे कमजोरी महसूस होती है |

Hastmaithun ke nuksan ka ilaj:

यदि आप अपने बचपन की हस्तमैथुन की आदत के कारण शारीरिक कमजोरी महसूस करते हैं या आपका केला का आकार कम हो गया है तो आपको तुरंत यह उपाय आजमाने चाहिए और यदि आप अपने पार्टनर को खुश नहीं कर पाते हैं और शीघ्रपतन हो जाता है तो यह लेख पढ़े (शीघ्रपतन के कारण और निवारण ) अथवा यह उपाय अपनाएँ


१. भारत में औसतन लिंगाकार 4.5 इंच (3.5 इंच से 7 इंच) होता है | लिंगाकार सहवास के लिए अधिक मायने नहीं रखता आपको अपने पार्टनर को खुश करने और चरमसुख देने के लिए फोरप्ले (सहवास के लिए तैयार करना ) करना चाहिए आप फिंगरिंग भी कर सकते हैं |
२. सुबह रोजाना खाली पेट १ से २ लीटर पानी पीना चाहिए इससे टाइमिंग बढ़ती है और आपको निचे सुझाये प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए यह नसों को फैलता है और साथ ही स्टैमिना बढ़ाता है |

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३. सहवास से पहले हल्का भोजन करें |
४. नशीले पदार्थों का सेवन ना करें |

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निष्कर्ष

हस्तमैथुन एक सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह तभी नुकसानदायक होता है जब इसे अत्यधिक किया जाए या इसके बारे में गलत धारणाएँ रखी जाएं। हस्तमैथुन के बारे में खुलकर बात करना और सही जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है ताकि कोई व्यक्ति बिना किसी मानसिक दबाव के इस पर सही दृष्टिकोण रख सके।

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